રવિવાર, 17 જાન્યુઆરી, 2010

गर कुछ और गम बढ जाये तो कोइ गम नही,
मिल जाओगे तुम बाद दिखानेको कोइ जख्म नही...
पीने को तो पीले सारा मयखाना अभी के अभी
सामने तुम आओ और नशा हो, ऐसा किसी सुरामे दम नही...

नीशीत जोशी

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