ગુરુવાર, 6 ઑક્ટોબર, 2011

निगाहोसे नीगाहे


सामने आये वो निगाहोसे नीगाहे मीली हुए ईशारे,
उसने कहा हम है तुम्हारे हमने कहा तुम हो हमारे,

कश्मकश चल पडी नजरो ही नजरोमे,खोने लगे युं,
बेताबीया दिखने लगी जाने को किसी सागर किनारे,

चोरी चोरी नीगाहोने लब खोले,महकते जज्बात बोले,
उसी पल तयकर लिया,बन गये वो एकदुजे के सहारे,

अब न कोइ हटा सकेगा, न कोइ मीटा सकता है उन्हे,
बनी थी रुह एक ही और न रहा था कुछ हमारे तुम्हारे,

महोब्बतकी एक मिसाल बनकर करेंगे प्यार इतना हम,
इतराने लगेगे देख हमारी तस्वीर आसमांके चांदसीतारे ।

नीशीत जोशी 28.09.11

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો