રવિવાર, 13 જુલાઈ, 2014

हर वो रिश्ता, मुझसे तोड़े हुए है

7227142396_a8861067bd_z हर वो रिश्ता, मुझसे तोड़े हुए है !! फिर आप, ग़म क्यों ढोये हुए है !!!! न डाल देना, मेरे बदन पे मिटटी !! हम अभी ही, नहा के सोये हुए है !!!! ताज्जुब न होना, ये कब्र देखकर !! हम, अपनी शान में खोये हुए है !!!! न कराना याद, कोई पुरानी बाते !! सूखे नहीं अश्क़, हम रोये हुए है !!!! तराशा है हमने खूब, महबूब को !! और नहीं, हम दुनिया छोड़े हुए है !!!! नीशीत जोशी 12.07.14

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