શનિવાર, 27 ડિસેમ્બર, 2014

सुखन ऐसा लिख के दिखा दो

pened वरक़ पर क़लम चला दो, लहू को मेरे स्याही बना दो, चलगे अल्फ़ाज़ खुद-बखुद, जज्बात लिख के बता दो, बनी नहीं जो बात कहने पे, एहसासे दिल यहाँ जता दो, रफ़्तार देकर के क़लम को, अफ़साने से वरक़ सजा दो, पढ़ के भूल न पाये कोई भी, सुखन ऐसा लिख के दिखा दो !!!! नीशीत जोशी 04.11.14

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