રવિવાર, 11 મે, 2014

उसे,जगाने का शौक था

tampuhan-Juan Luna-1895 उसे, रात सपनो में आके, जगाने का शौक था, बेवफाई करके, दिल को, रुलाने का शौक था, उम्मीदों के ज़ोर पे, बना रहे थे दिल में जगह, उसे, वो आईना, जमीं पर गिराने का शौक था, दिल और आंसू का, होता हैं रिस्ता अजीब, उसे, दिल को, आंसुओ में डुबाने का शौक था, हर बाज़ी, उनसे जीत के, हारते रहे हम मुदाम, उसे, हर किसीको, खेल में हराने का शौक था, राज़-ओ-नियाज़, एक बहाना था, उसके लिए, उसे तो, बातिल मुहब्बत, दिखाने का शौक था !!!! नीशीत जोशी 04.05.14

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