રવિવાર, 18 મે, 2014

मुहब्बत अगर हो, उसे जताना चाहिए

947100-bigthumbnail मुहब्बत अगर हो, उसे जताना चाहिए, नफरत भी गर हो, उसे बताना चाहिए, अनजान राहो में भटकोगे कब तलक, चौराहे पे इश्तिहारे इश्क़, लगाना चाहिए, महज़ शौकिया, दिल तड़पता नहीं ऐसे, इस आईने को टूटने से, बचाना चाहिए, तसव्वुर में भी उभरे जो तस्वीर उनकी, उम्मीद के फूलो से, उसे सजाना चाहिए, सिर्फ रोने से, हासिल होता नहीं प्यार, रंजिश को पहले, दिल से हटाना चाहिए. नीशीत जोशी 16.05.14

જતા નહી મંદિરે

M_Id_153026_Art_and_Painting જતા નહી મંદિરે, મુકવા ફુલો ચરણે, ભગવાનને, ભરી લેજો પહેલા , સુવાસથી દેહ રૂપી આવાસને, જતા નહી મંદિરે, પ્રગટાવવા દિપક, ભગવાનને, કરજો દુર પહેલા,હૃદયે રહેલા એ ઘોર અંધકારને, જતા નહી મંદિરે,ભજવા નમાવી શીશ ભગવાનને, શીખજો પહેલા,આપતા સન્માન, વૃદ્ધ માં-બાપને, જતા નહી મંદિરે વળવા,ઘુટણોવાળી ભગવાનને, વાળજો પહેલા ઘુટણો, ઉપાડવા પડેલા લાચારને, જતા નહી મંદિરે કહેવા, કરેલી ભુલો ભગવાનને, કરજો પહેલા માફ,પોતાના સર્વ શત્રુઓ અજાતને . નીશીત જોશી

રવિવાર, 11 મે, 2014

उसे,जगाने का शौक था

tampuhan-Juan Luna-1895 उसे, रात सपनो में आके, जगाने का शौक था, बेवफाई करके, दिल को, रुलाने का शौक था, उम्मीदों के ज़ोर पे, बना रहे थे दिल में जगह, उसे, वो आईना, जमीं पर गिराने का शौक था, दिल और आंसू का, होता हैं रिस्ता अजीब, उसे, दिल को, आंसुओ में डुबाने का शौक था, हर बाज़ी, उनसे जीत के, हारते रहे हम मुदाम, उसे, हर किसीको, खेल में हराने का शौक था, राज़-ओ-नियाज़, एक बहाना था, उसके लिए, उसे तो, बातिल मुहब्बत, दिखाने का शौक था !!!! नीशीत जोशी 04.05.14

मुझे याद आया

1977065_706996112686053_251850019_n किताबो मे रखा एक गुलाब मुजे याद आया, सवालो में उलझा एक जवाब मुझे याद आया, पत्तो के बीच छुपा के रखा था जो चहेरा तूने, दाँतो तले उंगली का हिजाब मुझे याद आया, शाम होते ही मेरे इन्तजार में झरोखो पे आना, देखके मुश्कुराने का दिया खिताब मुझे याद आया, करवटे बदलते हुए निकालनी पड़ी थी कई राते, तन्हा चलता फलक का महताब मुझे याद आया, मुरझाया हुआ गुलाब भी मौजूद है किताब में, बीती हुई कई बहारो का हिसाब मुझे याद आया !!!! नीशीत जोशी 24.04.14