શનિવાર, 23 મે, 2015

जगा दिया ख्वाब से

5140868327_4d22673ca4_o किसने जगा दिया हमे हमारे ख्वाब से, वस्ल थी हमारी मुहब्बत के हिसाब से, आते नहीं ऐसे तो वह हक़ीक़त में रूबरू, ख्वाब ने नजात दिलायी तन्हाई के अज़ाब से, फेर रहे थे उंगलियां गेसुओं में उनकी, हम हो गए निहाल उनके इश्क़ के ताब से, महक रही थी वादीओ में खुश्बू उनकी, लगा के गाझा, सजे थे वह गुलाब से, हुआ था शुरू अभी तो राझ-ओ-नियाझ, किसी हसद ने तभी जगा दिया ख्वाब से !!!! नीशीत जोशी (अज़ाब= punishment, ताब= power, हसद= envy) 22.05.15

બધુ ક્યાં બતાવે છે

12797692-reflected-beautiful-model-with-two-expressions--smiling-in-main-image--but-sad-in-the-mirror--double આ દિલ, બધાને, બધુ ક્યાં બતાવે છે, હસીને એ, વિરહની, વેદના છુપાવે છે, સહે છે ચુપચાપ, મળતા ઘાવો બઘા, નાસૂર થયે, તબીબને ક્યાં જણાવે છે, સજા જ નથી, કે મળતી નથી કતલની? પુરાવા, હ્રદય વીંધવાના, ક્યાં હટાવે છે, સાંભળ્યુ'તુ, ચાલાક છે, લાડે મનાવવામાં, રિસાયો હું, પણ તે હજી ક્યાં મનાવે છે, શેરમા નામ હતુ તેનુ, ને દાદ મળી સૌની, જેને નામે છે, તે વખાણવા ક્યાં આવે છે. નીશીત જોશી 20.05.15

मत रोना

Sad-girl-alone-crying-depression-feelings हो जाउँ मैं कहीं बदनाम तो मत रोना, हो जाउँ इश्क़ में नाकाम तो मत रोना, की थी मोहब्बत इबादत समझ के मैने, खेल समझे उसे आवाम तो मत रोना, किस्मत से होता है वो प्यार मुक्कमल, आये तन्हाई का सलाम तो मत रोना, सुनी हो महफिल और तिश्नगी दिल में, साकी भी पीलाये न जाम तो मत रोना, सुनाते हो सुखन अपने मोहब्बत की, आ जाए मेरा कहीं नाम तो मत रोना !!!! नीशीत जोशी 18.05.15

बुलाने पे मेरे कभी तो आया करो,

बुलाने पे मेरे कभी तो आया करो, अकेला छोड के यूँ ना जाया करो, दीवारो पे लगी खामोश है तस्वीर, कभी दास्ताँ में उसे भी लाया करो, ज़ब्त में नहीं रहते जज्बात दिल के, बेचारे दिल को ऐसे ना रुलाया करो, दर्द भी पार कर लेता है हद अपनी, ऐसे सितम अब मुझ पे ना ढाया करो, तसव्वुर भी दम तोडता है महफिल में, मौजूदगी जताने ही सही, आया करो !!!! नीशीत जोशी 14.05.15

अब तुम्हारी तरह

गाता गझल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह, या फिर संभल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह, बता देना इतना की इंतझार करूँ तुम्हारा, या फिर बदल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह, करू यक़ीं तेरे इश्क़ पे या लुभावनी बातो पे, या फिर फिसल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह, कर के मुहब्बत, दिल से मैं अब नाचू गाउँ, या फिर मचल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह, याद रखू उन हसीं पलो को अपने जहन में, या भूल के निकल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह !!!! नीशीत जोशी 11.05.15

શુક્રવાર, 8 મે, 2015

इल्तज़ा

न जाने कैसे मैं आ गया खबर में, चला हूँ मैं अभी ही नये सफर में, आसाँ नहीं वो अन्जानी मंझिले,पर, नझा से पहले पहुंच पाउँगा नगर में, करें क्यों साबित मेरे उक़्बा को, जब बेसुमार प्यार आया नजर में, टिकी होगी निगाहें उनकी मुझ पे, मिलते गये राहबर मुझे हर डगर में, रखना ऐसी रहमत,ये इल्तज़ा है मेरी, न हो जाऊं ख़ताकार किसी एब की असर में !!!! नीशीत जोशी (नझा= last breath, उक़्बा= last stage) 07.05.15

હર શેરે તુજ નામ આવે છે

પ્રેમ કરે છે તુ કે મુજ પ્રેમની વાત આવે છે, વાગે છે ભણકારા કે આ તુજ સાદ આવે છે, નીકળી છે અસમંજસમાં એ રાત આખી, યાદ કરે છે તુ કે મને તારી યાદ આવે છે, તુજ આવ્યેથી મહેફિલ થઇ જાય છે રોશન, જોવે છે તુ કે હાથે નશીલા જામ આવે છે, વાહવાહી કરે છે લોકો સાંભળીને મુજ ગઝલ, લખ્યુ છે સારુ કે હર શેરે તુજ નામ આવે છે, સપના પણ આવે છે જોને અજબગજબના, પ્રેમ છે કારણ કે એ પ્રેમનો સાર આવે છે. નીશીત જોશી 05.05.15

बहाना मिल गया

वादा तोडने का उसे बहाना मिल गया, तन्हा छोडने का उसे बहाना मिल गया, बरसना बारिश का, एक वजह बन गयी, फिर सोचने का उसे बहाना मिल गया, पुछा जो खोये हो किसके खयालो में तुम, मुँह मोड़ने का उसे बहाना मिल गया, रुख से जरा पर्दा हटाने को कह दिया, कुछ बोलने का उसे बहाना मिल गया, तारीफ़ क्या कर दी हमने उसके हुस्न की, दिल रोंदने का उसे बहाना मिल गया !!!! नीशीत जोशी 02.05.15