ગુરુવાર, 5 ફેબ્રુઆરી, 2015

क्या करेगी ?

जलता चराग को हवा क्या करेगी ? आईने के सामने अदा क्या करेगी ? हो हौसला उड़ान का उन परिंदो को, क़फ़स की पाबंधी नया क्या करेगी ? जो हो फितरत से ही मसरूर यहाँ, उसे अंजुमन की खफा क्या करेगी ? तालीम पायी हो जिसने बेवफाई की, माशूक़ होते हुए भी वफ़ा क्या करेगी ? खाया हो धोका जिसने हरबार इश्क़ में, जिंदगी उसे मौत दे के दगा क्या करेगी ? नीशीत जोशी 18.01.15

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