મંગળવાર, 13 સપ્ટેમ્બર, 2016
नहीं होगी कमी
1222-1222-1222-1222
नहीं होगी कमी उस दर्द में, दास्ताँ सुनाने से,
इलाज-ए-ग़म नही होता कभी आँसू बहाने से,
दिखा कर प्यार धोखा दे गया है हमसफर कोई,
मगर दिल याद करता है, उसी का जिक्र आने से,
न कोई जुस्तजू अब है न कोई ख्वाहिशें बाकी,
मगर आते नहीं है बाज, मुझको वह सताने से,
निभा तो ले कभी दोस्ती, अदावत भूल करके,
मिलेगा प्यार बेहद, दोस्त मुझको तो बनाने से,
मुकम्मल प्यार होता ही नहीं पढकर किताबों को,
मिलेगी ये मुहब्बत सिर्फ जज्बाते जताने से !
निशीथ जोशी
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