શનિવાર, 5 સપ્ટેમ્બર, 2015
उड़ जायेगा जरूर
दुःख आया है तो पीछे सुख भी लायेगा जरूर,
गर दर्द है तो मरहम लगाने से जायेगा जरूर !!
बैठ के किनारे पर कुछ भी हासिल नहीं होता,
जो उतरा समंदर में वही मोती पायेगा जरूर !!
एक भूखे को रोटी का टूकडा मिल जाए काफी है,
सुखी रोटी में पकवान का ज़ायका आयेगा जरूर !!
कैद में रहके परिंदा भूल जायेगा ना परवाज अपनी,
गर हौसला हो बुलंद, तोड़ कफ़स उड़ जायेगा जरूर !!
आँख मूंदे कहीं पे भी चलना समझदारी तो नहीं,
युही चलता रहा, एक दिन ठोकर खायेगा जरूर !!
नीशीत जोशी 04.09.15
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