
रातभर कोई हमें इतना सताता है,
प्यार करके उसे दमबदम जताता है,
रूठ जाता है मान जाने कि शर्त पे,
ऐसा करके कुछ वो अपना बनाता है,
बर्फीले बदन पे जरा सा हाथ रक्खा,
दुनिया के डर से कितना शरमाता है,
रश्क की बात करके जलाये वो हमें,
और हम जो बोले तो अश्क बहाता है,
बिताए थे पल आग़ोश में लेकर उसे,
याद आते ही 'नीर' दिल शोर मचाता है !
नीशीत जोशी 'नीर' 19.04.16
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