રવિવાર, 20 સપ્ટેમ્બર, 2009

वही मेरी राधारानी के शरण है


आज लीला एक नयी देखी है,

प्यार के पथ की नई दिशा देखी है,

कहते है जीसे विष्णु दुनीया,

बने सब के पालनहार वोह है,

जो है महाविष्णु भ्रमांड में

कहलाते नारायण इस जगमें है,

जीनके शरण जग सारा पडा है,

वही मेरी राधारानी के शरण है ।


नीशीत जोशी

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