બુધવાર, 16 સપ્ટેમ્બર, 2009

ढुंढते थे धर मीला आसीयाना



किसने कहा हम छोड के चले गये,

हम तो आपके दिलमे उतर गये,

जरा नजर करो देखो सर जुकाके,

दिख जायेंगे आपको हम कहां गये,

ढुंढते थे धर इस जहां मे निशित अबतक,

मीला आसीयाना और हम बस गये ।


नीशीत जोशी

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો