રવિવાર, 20 એપ્રિલ, 2014

जिंदगी जी लेते हैं

some-wounds-never-heal-conor-obrien रख के ग़म परदे में, जिंदगी जी लेते हैं, घर हो या मयकदा,हम शराब पी लेते हैं, उम्र दराज़ से जो मिले थे चार दिन हमें, रहने नहीं देते पास, छीन वो भी लेते हैं, क़सूर न था फिर भी गुनहगार बना गये, इश्क़ के इम्तियाज़ में ओठो को सी लेते है, वार-ए-तेग सहने खुला रखा है सीना हमने, ज़ख्म खाके भी जिक्र-ए-वफ़ा कर ही लेते हैं, खामोशी अब अपना असर दिखाने लगी है, कानो में बाते सामने हुए सन्नाटो की लेते हैं !!!! नीशीत जोशी 12.04.14

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