
गाता गझल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह,
या फिर संभल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह,
बता देना इतना की इंतझार करूँ तुम्हारा,
या फिर बदल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह,
करू यक़ीं तेरे इश्क़ पे या लुभावनी बातो पे,
या फिर फिसल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह,
कर के मुहब्बत, दिल से मैं अब नाचू गाउँ,
या फिर मचल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह,
याद रखू उन हसीं पलो को अपने जहन में,
या भूल के निकल जाऊं मैं अब तुम्हारी तरह !!!!
नीशीत जोशी 11.05.15
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