શનિવાર, 23 મે, 2015
मत रोना
हो जाउँ मैं कहीं बदनाम तो मत रोना,
हो जाउँ इश्क़ में नाकाम तो मत रोना,
की थी मोहब्बत इबादत समझ के मैने,
खेल समझे उसे आवाम तो मत रोना,
किस्मत से होता है वो प्यार मुक्कमल,
आये तन्हाई का सलाम तो मत रोना,
सुनी हो महफिल और तिश्नगी दिल में,
साकी भी पीलाये न जाम तो मत रोना,
सुनाते हो सुखन अपने मोहब्बत की,
आ जाए मेरा कहीं नाम तो मत रोना !!!!
नीशीत जोशी 18.05.15
આના પર સબ્સ્ક્રાઇબ કરો:
પોસ્ટ ટિપ્પણીઓ (Atom)
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો