શનિવાર, 23 જુલાઈ, 2016
जिंदगी से अब तेरी, कोई निभायेगा नहीं
2122 2122 2122 212
जिंदगी से अब तेरी, कोई निभायेगा नहीं,
बाद मेरे कोई भी, तुझको सतायेगा नहीं,
ग़र बहाओ, चोट खा कर, खून बेपायाँ, यहाँ,
ठीक करने ज़ख़्म, चारागर बुलायेगा नहीं,
अक्स दीवारों पे उभरे हैं, बुरे हालात में,
ठीक वो करने, मुसव्विर को बतायेगा नहीं,
हो परेशाँ तुम, सताने यूँ लगेगी याद भी,
ख्वाब आ कर भी तुम्हें, शब भर सुलायेगा नहीं,
छोड दी मैंने कहानी, प्यार के उस मोड पर,
दौड़ लो, यूँ प्यार कोई भी, जतायेगा नहीं !
नीशीत जोशी
(बेपायाँ= limiless,चारागर= doctor,मुसव्विर = painter)
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