શનિવાર, 22 ફેબ્રુઆરી, 2014

हर चराग आशियाने में बुझा के रखा है

native-american-woman-full-moon हर चराग आशियाने में बुझा के रखा है, दिल में ही आफताब को जला के रखा है !! ना आयेगा तलातुम भी समंदर में कभी, हमने आँखों में ही दरिया बसा के रखा है !! अब हमें कोई फ़िक्र नहीं रोशनी की यहाँ, घर में हमने जुगनूओ को बुला के रखा है !! कनीझ के घर भी तो शहजादी आती होगी, हमने चांदनी को देख, सर उठा के रखा है !! इस जमीं की पारसाई को तो देखो दोस्तों, जिसने आसमान को भी जुका के रखा है !! नीशीत जोशी ( तलातुम = storm, पारसाई = पवित्रता)04.02.14

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