બુધવાર, 7 એપ્રિલ, 2010

आज वोह कहां है ?

आशिक के अफसाने तो बहोत है,
पर आज वोह आशिक कहां है ?

निचौवार करते थे जान माशुक पे,
पर आज वोह माशुक कहां है ?

एक आह पे नीकलते थे दम उनके,
पर आज वोह दम कहां है ?

मिलन के ईन्तजारमे कटते थे रात-दिन,
पर आज वोह मिलन कहां है ?

पतझड को भी बनाते थे बसंत,
पर आज वोह मौसम कहां है ?

मत सुनाओ निशित दास्ता-ए-महोब्बत,
आज हम कहां और वोह कहां है ?

-- नीशीत जोशी

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