બુધવાર, 14 એપ્રિલ, 2010

ऐसा रंगना मुझे


लैटे जो अंबरमे ,हो गया उसका नीला रंग,
आके मेरे चीतवन मे, भर देना वो रंग,
ऐसा रंगना मुझे न लगे दुजा रंग, और
न रहु मेरे रंगमे, बस रम जाउं तेरे रंग ।

नीशीत जोशी

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