સોમવાર, 11 એપ્રિલ, 2011

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कहां जाए किसे कहे मन की सब बाते,
तु होती तो तेरे पल्लुमे छुप कर रो लेता....
मेरे खयालो मे से नही कभी जाओगी,
गर चलता बस,रब से भी वापस ले लेता....
नीशीत जोशी

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