રવિવાર, 10 નવેમ્બર, 2013

बिखरा हुआ हूँ मैं,

can-stock-photo_csp2303029 लोगो ने समझा बिखरा हुआ हूँ मैं, किसीके ग़म में सिमटा हुआ हूँ मैं, रिश्तो ने कर दिया है कायल मुझे, रिस्तो कि डोर से लिपटा हुआ हूँ मैं, यादो ने लगा रखी है आग दिल में, मोंम कि तरहा पिघला हुआ हूँ मैं, मुफलिसी नहीं ये दीवानगी है मेरी, पर लोग कहते है बिगड़ा हुआ हूँ मैं, क़ैद करके घर में, क़ुफ़्ल लगा दिया, क़फ़स से उड़ना, बिसरा हुआ हूँ मैं !!!! नीशीत जोशी (क़ुफ़्ल=a lock)30.10.13

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