
रोया करेंगे आप भी, कुछ मेरी तरहा,
खो जायेंगे ख्वाब भी, कुछ मेरी तरहा,
चीखती रहेगी वो आँखे, बहा के आंसू,
तन्हाई रहेगी पास भी, कुछ मेरी तरहा,
तैराकी काम न आयेगी समंदर की यहाँ,
रुक जायेगी सांस भी, कुछ मेरी तरहा,
चलते रहना होगा उन कांटो की राह पे,
खूं निकलने के बाद भी, कुछ मेरी तरहा,
रकीबो से न मिलेगा अपनों का ठिकाना,
ढूंढते रहेंगे हमें आप भी, कुछ मेरी तरहा !!!!
नीशीत जोशी 28.1013
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