
चलो हम कोई एक समंदर बन जाये,
मझधार पहोच कर भंवर बन जाये,
बचाकर हर डूबती हुयी कश्ती को,
चलो उसकी आसान सफ़र बन जाये,
कहते है बात प्यार में अंधे होने कि,
जता के प्यार उनकी नजर बन जाये,
कुछ सुने और सुनाये महफ़िल-ए-इश्क़ में
बहर सिखके नायाब सुखनवर बन जाये,
दास्ताँ-ए-इश्क़ में जिक्र हमारा भी हो,
चलो बेपायां प्यार करके अमर बन जाये !!!!
नीशीत जोशी 16.11.13
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