શનિવાર, 23 નવેમ્બર, 2013
वो शख्स परेशान क्यों है ?
दिलकश महफ़िल में, वो शख्स परेशान क्यों है ?
खुद अपने घर में ही , इंसान मेहमान क्यों है ?
नाम कुछ संतो के शामिल है, दरिंदो के संग,
कुछ लोगो कि नजर ये हादसा, नागहान क्यों है?
सो जाते है फुटपाथों पे, भूखे पेट जब गरीब,
मंदिरो में तब, लगे प्रसाद का नुक़सान क्यों है?
लगा दी है, तहवारो पे पाबंदी, शोरो गूल कि,
मगर आतंकीओ के, बेदाग़ गिरेबान क्यों है?
महंगाई के बोझ तले, पीस रहा है इंसान,
खामोश रह के, देखनेवाले निगहबान क्यों है?
नीशीत जोशी 10.11.13
આના પર સબ્સ્ક્રાઇબ કરો:
પોસ્ટ ટિપ્પણીઓ (Atom)
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો