રવિવાર, 23 ઑક્ટોબર, 2016
अँधेरी जिंदगी में देर तक अच्छा नहीं होता !
१२२२ १२२२ १२२२ १२२२
पराया हो गया है, वो कभी अपना नहीं होता,
हमे उन पे इरादत है, कभी दावा नहीं होता ! faith
हमारी इल्तिजा भी क्या, अधूरी ही रहेगी अब,
किसी भी आशिको के दरमियाँ, ऐसा नहीं होता !
मुहब्बत जब हुई थी तब, किये थे कॉल उसने भी,
मगर वादा निभाते वक़्त, वो जज़्बा नहीं होता !
सफर कांटो भरा हो और रास्ता फिर लगे लंबा,
मगर हर एक डगर में लोग, हमसाया नहीं होता !
अदावत क्यों करें अब हम चिरागो से अँधेरो में,
अँधेरी जिंदगी में देर तक अच्छा नहीं होता !
नीशीत जोशी 24.09.16
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