રવિવાર, 20 જાન્યુઆરી, 2013
आज के बाद
अब तुझसे न होगी मुलाक़ात,आज के बाद,
कासिद न देगा इत्तिला तेरी, सवाल के बाद,
हर लम्हा, तेरी याद में गुजरेगा अब तो यहाँ,
दिल को महसूस होगी कमी, हर शाम के बाद,
वो चराग भी तन्हाई में बुझे रहेंगे, महफ़िलमें,
सवेरा भी होने से घबरायेगा, अब रात के बाद,
खामोश है लब्ज, कहीं बदनाम न हो जाओ,
साँसे भी थम सी जाती है, तेरे नाम के बाद,
नफ़स भी अदावत करने लगी है, तेरे बगैर,
तेरी हलावात दे रही है खूनाब, याद के बाद |
नीशीत जोशी
(नफ़स=ज़िन्दगी की साँसें,अदावत=दुश्मनी, हलावात=मधुरता,खूनाब=खून के आंसू) 08.01.13
આના પર સબ્સ્ક્રાઇબ કરો:
પોસ્ટ ટિપ્પણીઓ (Atom)
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો