શુક્રવાર, 2 ઑક્ટોબર, 2015

ग़ज़ल का कोना लिखना

bdcdd-stevens_linda_journalist लिखो मुझ पे सुखन तो मेरा रोना लिखना, देखके अक्स तेरे खयालो में खोना लिखना, कफ़न ओढ़ कर हम हो गए है दफ़न जहां, तेरी ही याद के पीछे वहीँ मेरा सोना लिखना, ज़ब्त में रखते है अक्सर जज्बात दिल के, ज़ख्म सहती इस जिंदगी का ढोना लिखना, समंदर में तुण्ड लहरें उछलती है जिस तरह, उसी तरह जिंदगी के हालात का होना लिखना, कर के जिक्र मेरी मोहब्बत का किसी शे'र में, मेरे ही नाम का उस ग़ज़ल का कोना लिखना !! नीशीत जोशी 28.09.15

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો