શુક્રવાર, 2 ઑક્ટોબર, 2015

याद आएगी

Aaj Achanak_Teri Yaad Ne_Mujhe Rula Diya_._Kya Karu_tumne Jo Mujhe_Bhula Diya_._Na Karti Wafa_Na Milti Ye_Saza_._Shayad Meri Wafao Ne hi_tujhe Bewafa_Bana Diya..!! पहले शे'र में, पहली लाइन (मिस्रा-ए-ऊला) जाने माने गज़लकार जनाब बशर नवाज़ जी की कही हुई है ! करोगे याद तो हर बात याद आएगी, हमारे साथ की हर रात याद आएगी, गुजारे वक्त का कोई हिसाब तो होगा, मिठे लम्हों की सौगात याद आएगी, खिलाडी हो बखूबी खेल का मज़ा लेना, पुराने खेल की हर मात याद आएगी, सफर जो भी रहा मुश्किल करे भी क्या? पडी जो वक्त में वो हर घात याद आएगी, बहारें लौट आने का सबब करे कोई, तभी पतझड़ को भी औकात याद आएगी !! नीशीत जोशी 25.09.15

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