બુધવાર, 21 ઑક્ટોબર, 2015

नहीं होना, तन्हा मशहूर मुझ को

419681_337865599580594_771971226_n जहां से क्यों रखे हो, दूर मुझ को, नहीं होना, तन्हा मशहूर मुझ को, बयाँ कैसे करें, तेरा फ़साना, जबाँ होती लगे, रंजूर मुझ को, दिखाई दे गर तूफां, सामने भी, खुदा पे है भरोषा, भरपूर मुझ को, बचाले या मुझे मारे, खुदा जाने, तिरा हर फैसला, मंजूर मुझ को, तिरा ममनून हूँ, नेमत तिरा है, न करना तू कभी मगरूर मुझ को !! नीशीत जोशी

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