બુધવાર, 4 નવેમ્બર, 2015

प्यार हो जायेगा

12112404_10206469772976527_1121300194048723267_n हसीन हो तुम प्यार हो जायेगा, रफ्ता रफ्ता इज़हार हो जायेगा, कहीं हमें तुम छोड के ना जाना, तन्हाई में दिल बेकरार हो जायेगा, कहानी को उस मोड़ तक लायेंगे, जहाँ से लोटना दुस्वार हो जायेगा, अभी महफूज़ है दिल का आइना, जो टूटा तो दिल खार हो जायेगा, मुश्कुराते हुए वस्ल का लूफ्त लेना, हिज्र का लम्हा ख्वार हो जायेगा। नीशीत जोशी 24.10.15 खार=पत्थर, ख्वार=गरीब

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