શુક્રવાર, 1 સપ્ટેમ્બર, 2017
दर्द जिगर में सोया होगा
22-22-22-22
यादो में वो खोया होगा,
पल पल फिर वो रोया होगा !
तडपाया होगा फुरकत ने,
शब भर क्या वो सोया होगा !
जिंदा रहने को ही उसने,
सांसों को फिर ढोया होगा !
आँखें तो अश्कों से भर लीं
दर्द जिगर में सोया होगा !
उल्फत को सह कर फिर उसने,
सब ज़ख़्मों को ढोया होगा !
नीशीत जोशी ' नीर '
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