રવિવાર, 21 ફેબ્રુઆરી, 2010

आप समज बैठे !

दिलका तुटना उस खेलका हिस्सा था,
आप उसीको अपनी हार समज बैठे !
कर गया था मायुस जीस जगह आपको,
आप उसी जगहको अपनी महेफिल समज बैठे !
बुजा के चल दिये थे हर रोशनी को वोह,
आप जुगनुकी टमटमाहट्को चीराग समज बैठे !
मीला दिया आपको अब उसने मिट्टीमें,
आप राह के उस पथ्थरको खुदा समज बैठे !

नीशीत जोशी

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