શનિવાર, 27 માર્ચ, 2010
यादे
वो हवा चली और तेरी खुश्बु बिखेरती गयी,
उन बागो चमनमे तेरी खुशनुमा याद दिलाती गयी,
यादो को क्यों कहे एक रंगीन धोका इसबार,
यादे ही तो हमारे प्यारकी दास्तां सुनाती गयी,
दे के अपने दिल मे जगह जतन से रखा तो था,
यादो मे वोह बात आके बारबार दोराहती गयी,
शायद मर ही गये होते जो यादे न होती तेरी,
यादे आयी और जीन्दगी जीने का मक्सद देती गयी ।
नीशीत जोशी
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