ગુરુવાર, 23 સપ્ટેમ્બર, 2010

तो क्या था


वह दोनो के बीच प्यार न था तो क्या था?
दोनो के बीच एहसास न था तो क्या था?

मीलते रहे बीछडते रहे दर्मीया प्यारमें,
आशमे दिल मचलता न था तो क्या था?

वह तुमही तो थे और वह भी तो था,
पलो के दर्मींया कुछ न था तो क्या था?

हर सांसोमे हर आहटोमे हर धडकनोमे,
उन सबमे तेरी मौजुदगी न थी तो क्या था?

नीशीत जोशी

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