
રવિવાર, 20 જાન્યુઆરી, 2013
કોને સમજાવવું

हाल-ए-दिल किस किस को सुनाये

यूँ तो हमें अपनी ही गिरफ्त में जाना था

બદલાતી હોય છે

मिले हुए चार दिन जी लेते शान से

आज के बाद

રવિવાર, 6 જાન્યુઆરી, 2013
મુશ્કિલ

दिल को दिल से ना लगाया होता

इश्क के आरूज़

इसका गिला नहीं

મંગળવાર, 1 જાન્યુઆરી, 2013
नयी सुबह हुई

अब तो जाग जाओ, देश के नेता

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