શનિવાર, 10 ઑગસ્ટ, 2013
तेरे सिवा कोई न करेगा आबाद मुझे !
तू गर चाहे तो कर देना नायाब मुझे ,
यूँ तो याद ने कर रखा है बरबाद मुझे,
तस्सली दे कर के सवाल बने हो तुम,
तेरी रुखसत ने दे दिया है जवाब मुझे,
मजनूँ की आखो में थी सिर्फ जैसे लैला,
करता है वैसे ही तेरा चहेरा शाद मुझे,
मैंने मुहब्बत की है सिर्फ उस चाँद से,
पर लोग क्यों दिखाते है आफताब मुझे,
किसे किसे सुनाए ये दिल की दास्ताँ,
तेरे सिवा कोई न करेगा आबाद मुझे !
नीशीत जोशी 08.08.13
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