
मेरी अनकही कहानी भी पढ़ वो जाता !
मेरे खयालो में ही शायद वह खो जाता !!
सपने देखने की ख्वाइश बढ़ती, उसकी !
खुली रख कर आँखे रात वह सो जाता !!
याद कर के साथ लम्हे, भूलता उल्फ़ते !
तस्सवूर में मेरी एकबार डूबने तो जाता !!
समंदर अपना उफान भी कम कर लेता !
मुहब्बत कर मझधार भी गर जो जाता !!
रकीब की बाहें क्यों रास आने लगी उसे !
क्या हो जाता अगर वह मेरा हो जाता !!
नीशीत जोशी 13.08.13
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