શનિવાર, 17 ઑગસ્ટ, 2013

महेंगाई का डर स्वतंत्रता को डराता है

indipendence day 2013 कौन है जो अपने देश में आतंक फैलाता है, नेताओ से मिलते, पडोशी मुल्क बताता है, भ्रष्टाचार से लुप्त अब हर तरफ का माहोल, जिसे देखो वोह रिस्वती रुपये बनाता है, गरीब जनता रोज-ब-रोज गरीब हुए जाती, सुबह होते नयी महेंगाई का डर सताता है, आतंकवाद नहीं होता सिर्फ बम धमाको से, मन में पनपता डर भी आतंक कहेलाता है, लोगो को कह दिया मना लो स्वतंत्रता दिन, पर महेंगाई का डर स्वतंत्रता को डराता है ! नीशीत जोशी 15.08.13

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