
" आंसू की जुबानी "
मैं दुःख में तो बहता हूँ,
मैं ख़ुशी में भी आता हूँ,
लोग चाहे कुछ भी बोले,
मैं दिल के हाल जताता हूँ,
आँखे हो खुली या हो बंध,
मैं खुदका रास्ता बनाता हूँ,
मुहब्बत में दर्द बनकर बहूँ,
ख़ुशी में ख़ुशीया बताता हूँ,
आँखों के मोती सा हूँ आंसू,
मैं सबकी आँखों में रहता हूँ !!!!
नीशीत जोशी 12.08.13
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