શનિવાર, 24 ઑગસ્ટ, 2013

तुम सभी के आँख के तारे हो

1013547_498426826907439_1840569504_n तुम सभी के आँख के तारे हो, तुम सभी के बहोत ही प्यारे हो, दुलार उमट पड़ता है अपने आप, तुम इस जहाँ में सब से न्यारे हो, महफूज रखती है तुझे दामन में , तुम अपनी माँ के बहोत दुलारे हो, आसमाँ छूने की तम्मना है शायद, तुम माँ की उम्मीद के सहारे हो, खुदा आकर खुद नेमत बक्सेगा, तुम रब की अझान से भी प्यारे हो ! नीशीत जोशी 18.08.13

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