શનિવાર, 25 જાન્યુઆરી, 2014
तसव्वुर, तुझे अब जाना होगा
यक़ीनन तुझे अब आना होगा,
तसव्वुर, तुझे अब जाना होगा,
अलविदा हुई राह कि रुकावटे,
मुहब्बतका झखीरा पाना होगा,
दर-ओ-दीवार सजी है अब तो,
महेफिल में सुरूर लाना होगा,
गुफ्तगू होगी सिर्फ वफ़ा कि,
रक़ीब को धोखा खाना होगा,
सुनली बहोत ग़मगीन गज़ले,
नग्मा-ए-उश्शाक़ गाना होगा !!!
नीशीत जोशी (झखीरा= a treasure, नग्मा-ए-उश्शाक़= poem of lovers) 21.04.14
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