શનિવાર, 11 જાન્યુઆરી, 2014
शायद तेरी होगी
दिल पे दी गयी दस्तक शायद तेरी होगी,
तड़पते दिल की कसक शायद तेरी होगी,
रातभर सोने ना दिया वो तसव्वुर ने हमे,
आँखों में उतरी झलक शायद तेरी होगी,
हर गली में हमें रहबर मिलते है अक्सर,
शहर से गुजऱती सड़क शायद तेरी होगी,
बाग़ में जा कर छुआ होगा फूलो को तूने,
उन फूलोसे आती महक शायद तेरी होगी,
दिल मचल जाता है तेरी यादो के आते ही,
धड़कन के पीछे की धड़क शायद तेरी होगी !!!!
नीशीत जोशी 08.01.14
આના પર સબ્સ્ક્રાઇબ કરો:
પોસ્ટ ટિપ્પણીઓ (Atom)
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો