શનિવાર, 25 જાન્યુઆરી, 2014
चहेरा पहले से, नक़ाब में, छूपा होता
चहेरा पहले से, नक़ाब में, छूपा होता,
कोई ख्वाब, रातो में, ना रूका होता,
न बहते, इन आँखों से, अश्क़ इतने,
ये दिल, कभी ना अगर, टूटा होता,
मुनासिब होता, दर्मियाँ दिवार रखते,
सामने आयना के, सर न जुका होता,
तसव्वुर कि देहर में, ना फसते कभी,
एतबार बेवफाई का, गरचे जूठा होता,
दोमंगीर न होते, उनके प्यार में ऐसा,
पहेली नजर पे ही, गर वोह रूठा होता !!!!
नीशीत जोशी (दोमंगीर= dependent)24.01.14
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