રવિવાર, 13 જુલાઈ, 2014
हर वो रिश्ता, मुझसे तोड़े हुए है
हर वो रिश्ता, मुझसे तोड़े हुए है !!
फिर आप, ग़म क्यों ढोये हुए है !!!!
न डाल देना, मेरे बदन पे मिटटी !!
हम अभी ही, नहा के सोये हुए है !!!!
ताज्जुब न होना, ये कब्र देखकर !!
हम, अपनी शान में खोये हुए है !!!!
न कराना याद, कोई पुरानी बाते !!
सूखे नहीं अश्क़, हम रोये हुए है !!!!
तराशा है हमने खूब, महबूब को !!
और नहीं, हम दुनिया छोड़े हुए है !!!!
नीशीत जोशी 12.07.14
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