રવિવાર, 6 જુલાઈ, 2014

ये दिल उनके करीब था

beautiful-oil-painting-by-andrei-belichenko (6) जो अपना था, वही तो मेरा रक़ीब था, दूर होते भी, मुझसे ज्यादा करीब था, हिजरत से भी, अब कोई शिकवा नहीं, वो आब-ए-चश्म ही तो मेरा नसीब था, रहने लगा है वोह, उम्दा आशियाने में, न जाने फिर दिल का क्यों गरीब था, माँगते गर जान, कर देते हाज़िर हम, पर, उनका तसव्वुर भी बड़ा अजीब था, करते जो सीने पर वार, सह जाते यूँही, आसान हुआ, ये दिल उनके करीब था !!!! नीशीत जोशी 06.07.14

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