મંગળવાર, 7 જુલાઈ, 2015
चल तेरी मेरी कहानी को मुुकाम दे
चल तेरी मेरी कहानी को मुुकाम दे,
फिर तेरे मेरे इश्क को अंजाम दे,
कल की बातों को दरकिनार कर के,
चल खामोशी के लफ्ज़ को सलाम दे,
बरहा सांसे जो चले अपनी धून में,
चल धडकनो को एक नया कलाम दे,
कर लेना वादे पुरा होने का इंतजार,
चल इंतकामको भी नया एक काम दे
फिर आसानी से एक मुलाकात करें,
ज़ब्तमें रखे जज्बातोको प्यार नाम दे
नीशीत जोशी 07.07.15
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