મંગળવાર, 7 જુલાઈ, 2015

चल तेरी मेरी कहानी को मुुकाम दे

10457912_833500910052466_4019912638067707590_n चल तेरी मेरी कहानी को मुुकाम दे, फिर तेरे मेरे इश्क को अंजाम दे, कल की बातों को दरकिनार कर के, चल खामोशी के लफ्ज़ को सलाम दे, बरहा सांसे जो चले अपनी धून में, चल धडकनो को एक नया कलाम दे, कर लेना वादे पुरा होने का इंतजार, चल इंतकामको भी नया एक काम दे फिर आसानी से एक मुलाकात करें, ज़ब्तमें रखे जज्बातोको प्यार नाम दे नीशीत जोशी 07.07.15

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