રવિવાર, 19 જુલાઈ, 2015

ईद मनाये कैसे

दिखा नहीं है चाँद, ईद मनाये कैसे, छिपा कहीं है चाँद, ईद मनाये कैसे, नजारा आज छत का हम देख लेते, सुना वहीं है चाँद, ईद मनाये कैसे, अता हो जाये इबादत गर खुदा करे, चुप तो नहीं है चाँद, ईद मनाये कैसे, तिश्नगी दिल की बुझी नहीं है अभी, मिला नहीं है चाँद, ईद मनाये कैसे, काश की मेरे बुलाने पे वो आ जाए,, बैठा यहीं है चाँद, ईद मनाये कैसे !! नीशीत जोशी 18.07.15

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો