
બુધવાર, 21 ઑક્ટોબર, 2015
क्यों दिल में परेशानी है

नहीं होना, तन्हा मशहूर मुझ को

પડીને પ્રેમમાં

क्यों दिल से लगा रक्खा है

दर्द को लिखते लिखते

આપેલા ઝખ્મો ગણી લઈએ

ऐसे तो बाहों में थी मेरी

શુક્રવાર, 2 ઑક્ટોબર, 2015
कहने को बहुत है मगर

ग़ज़ल का कोना लिखना

याद आएगी

चाहते है

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