બુધવાર, 10 ઑગસ્ટ, 2011
उसने
इतने आसां न थे बना दिया उसने,
प्यार करके प्यार बढा दिया उसने,
जज्बात उनके कभी समज न पाये,
आंखोसे कह सब जता दिया उसने,
खामोशीसे रहनेका राझ था कुछ तो,
लब्ज खुलते हाल बता दिया उसने,
मुश्कुराते रहना देख देखकर सामने,
उदासोको हसना सिखा दिया उसने,
यादोका मंजर गमगीन महसुस किया,
सपनोमें मिल गम मीटा दिया उसने,
जीते थे गुमसुदा जीन्दगी का जीवन,
प्यार कर नया जीवनदान दिया उसने ।
नीशीत जोशी 09.08.11
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